Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278-8808, SJIF 2016 = 6.17, www.srjis.com UGC Approved Sr. No.49366, NOV-DEC 2017, VOL- 4/37
माध्यममक स्तर पर अमधगम भार की व्यापकता संभावनाएं
, क्षमता संवधधन की चुनौमतयााँ
एवं
रजनीश अग्रहरर पी. एच-डी. शोधाथी, शशक्षा शिद्यापीठ, म.गााँ.अ. शह.शि.शि., िधाा , ई-मेल- rajnishedubhu@gmail.com
प्रस्तुत शोध आलेख में माध्यशमक स्तर के शिद्याशथायों पर ितामान समय में उनके अशधगम क्षमता से अशधक सीखने के शलए शदए जा रहे शिशिन्न प्रकार के िार (दबाि) की जाच ां -पड़ताल करने का प्रयास शकया गया है, साथ ही शिद्याशथायों पर पड़ने िाले शिशिन्न प्रकार के अशधगम िार जैसे- शिद्यालय एिां शशक्षण काया से सांबांशधत, माताशपता की आकाांक्षा से सांबांशधत, पाठ्य सहगामी शियाओ ां एिां गृह काया से सांबांशधत अशधगम िार की व्याख्या करने का प्रयास शकया गया है | इस अशधगम िार का शिद्याशथायों की सृजनात्मकता एिां उनके स्ियां की रुशचयों पर शकस प्रकार प्रिाि डाल रही है तथा शिद्याशथायों के शारीररक, सामाशजक, शैशक्षक, नैशतक, एिां सांिेगात्मक शिकास पर शकतना एिां शकस प्रकार का प्रिाि पड़ रहा है, उसके शिश्लेषण का िी प्रयास शकया गया है| पारिभाषिक शब्द (Key word) - अशधगम, अशधगम िार, माध्यशमक स्तर, माता-शपता की आकाांक्षा, सामाशजक शिकास, शारीररक शिकास, शैशक्षक शिकास । Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com
प्रस्तावना रचनात्मक पररपेक्ष्य में सीखना ज्ञान ननमााण की एक प्रनिया है, वतामान समय की स्कून गिं पद्धनत ने छात्रों के सीखने की प्रनिया को एक नननित फ्रेमवका में बाधने का प्रयास नकया है, सीखने और अनदु श े न के अनधकतर प्रारूप इस नसद्धािंत पर आधाररत होते है नक छात्रों को नकतना अनधक से अनधक ज्ञान या सचू ना प्रदान कर नदया जाये, नजससे उनका अनधकतम बौनद्धक नवकास हो सके | इस सन्दभा में प्रो. यशपा ने कहा था नक बच्चे पर समझ का बोझ ज्यादा है। नकताब मोटी होने से बोझ नहीं होता। हमें देखना चानहए नक उसका मनस्तष्क नकतना समझ सकता है। अध्यापक को देखना चानहए नक बच्चा नकतना ग्रहण कर पाता है , उसी नहसाब से उसे पढ़ाया जाए | बौनद्धक नवकास को प्रोत्सानहत करने की इस सम्पणू ा प्रनिया में नबना इस पक्ष पर गौर नकये की उनकी ‘अनधगम धारण’ की क्षमता नकतनी है और उन पर समस्त शैनक्षक एविं गैर शैनक्षक प्रनिया का नकतना अनधगम भार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रदान नकया जा रहा है, नबना इन महत्वपणू ा तथ्यों पर ध्यान नदए छात्रों का माननसक, बौनद्धक, एविं दैनहक शोषण नकया जा रहा है, नजससे उनका शैनक्षक एविं सामानजक ननष्पादन प्रभानवत हो रहा है| Copyright © 2017, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies