DOOR SHIKSHA KE VIDHYARTHIYON KO INTERNET KE VIBHINNA AYAMO KI UPYOGITA

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Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278-8808, SJIF 2016 = 6.17, www.srjis.com UGC Approved Sr. No.49366, MAR–APR, 2018, VOL- 5/44

दू र िश ा के िव ािथय को इंटरनेट के िविभ न आयाम क उपयोिगता आिद य चतुवदी1, Ph. D. & ीमित वंदना चतुवदी2 1 सहायक ा यापक ,दूर िश ा िनदेशालय,महा मा गांधी अंतरा ीय िह दी िव िव ालय,वधा 2 सहायक ा यापक,िडपाटमट ऑफ एजुकेशन,आर.के .डी.एफ. िव िव ालय,भोपाल

वतमान म इंटरनेट एवं व डe वाइड वेब सामा यकत: सभी के पास उपल ध. साधन है वतमान म अिधकतम काय प के ारा न होकर ई-मेल से िकया जा रहा है। दूर िश ा म भी इन से अछू ता नह है । आज इंटरनेट पर बहत से साधन उपल ध है जो दूर िश ा के अ येताओं को अिधगम काय म सहयोग दान करते है जैसे चचा समूह , ई-मेल, मेिलंग िल टं , रच साइड समरी (Rich Side Summary) RSS , वेव 2.0, लॉग,िवक ज़,सोशल नेटविकग इ यािद । दूर िश ा म अ य,यन अ यापन काय म इनक सहायता हम अ येताओं को गुणवतापूण एवं रोचक िश ण साम ी सरलतापूवक उपल ध करा सकते है । इले ा िनक मेल (ई-मेल) ई-मेल इ टधर नेट का एक उपयोगी और लोक ि य साधन है। मेिलंग िल टा यबि य के नाम एवं उनके ई-मेल पता क सूची है िजसक सहायता से हम िकसी साम ी को एक पूरे समूह को भेज सकते है। िकसी एक िवषय म िच रखने वाल क मेिलंग िल टो अलग होती है। ऑन लाइन चचा का पु या फोरम बनाया जा सकता है िजसे सीिमत एवं सरचना म क ऑनलाइन पयावरण दान िकया जा सकता है। इसम अपने िवचार एवं सूचनाओं का आदान- दान, अनुदेशक एवं छा तथा छा आपस म कर सकते है। आर.एस.एस आ रच साइड समरी (Rich Side summary) या रचली िस पतल िसंिडके शन है। यह ए सा.एम.एल (XML) द तातवेज का एक कार है। जो मु य िब दुeओं और वेब पेज को साझा करने के िलए उपयोग म लाया जाता है। वेब 2.0 एक मह वतपूण साधन है िश ण ि या के िलए यह टू -वे ि माग (Two Way) ि या है। इसम िश क एवं छा दोन अपना सहयोग दे सकते है पाठ को पढ़ाने एवं सुधार करने म यह एक सामूिहक तरीका है। लाTग म आमतौर पर अपने ि यि गत िवचार िलखे जाते है। कोई यपि अपने लाकग म या िलखे इसक कोई सीमा नह होती। लारग क सहायता हम अिधगम ि या को बड़ा सकते है । िवक ज ऐसी वेबसाइट या पोटल जो िक योग करने वाले ारा स पा्िदत या बनाई जा सके । इसम साम ी को जोड़ा या हटाया भी जा सकता है। यह सामूिहक लेखन का अ छा साधन है। सोशल नेटविकग ऐसा ले ट फाम जहाँ लोग एक दूसरे से िमल सकते है अपने िवचार आदान- दान कर सकते है बातचीत कर सकते है।िव ािथय को इन सब का लाभ कै से िमल सकता है,िश ा म इनका या मह व- है? कै से एक िव ाथ इनका उपयोग कर। इस सब पर हम चचा कर। क वड -ई-मेल, चचा समूह ,मेल सूची, आर.एस.एस, ए स,.एम.एल.,वेव2.0 , लॉग, िवक ज़,सोशल नेट विकग Z

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इले ािनक मेल (ई-मेल) -ई-मेल इ टर नेट का एक उपयोगी और लोक ि य साधन है। ई-मेल म क यूटर एवं नेटवक का उपयोग कर एक या अनेक यि य से संपक िकया जा सकता है। िश क- छा एवं छा --छा के बीच संवाद थािपत करने का एक मु य पहलु माना जाता है। दूर िश ा के िव ािथय के िलए संवाद थािपत करने के िलए उपयु त साधन है। ई-मेल पता म तीन भाग होते है Userid@Host.domain adigov.chaturvedi@gmail.com adiogov.chatuvedi – user id उपयोग कता क आई डी gmail-host of the email. account हो ट ई-मेल का हो ट Com-domain डोमेन ई-मेल क िवशेषताएँ -ई-मेल क मु य िवशेषताएँ िन नानुसार है –  पाठ् य व तु आधा रत होता है भाषा ान आव यक है।  यह पाठ् य साम ी एक बार म कई यि य तक एक साथ पहँचायी जा सकती है।  इसम समय एवं धन क बचत होती है।

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